रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा हो रहा है. कोरबा के कटघोरा में 7 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने वहां पर हर व्यक्ति का टेस्ट करने का निर्देश दिया है. कटघोरा को सील करने के बाद अब वहां पिछले 20 दिन में आने जाने वाले हर व्यक्ति को क्वारंटाइन करने की तैयारी है. दरअसल कटघोरा में जो 7 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए उनमें 5 पुरुष और 2 महिलाएं हैं. सभी को रायपुर के एम्स में लाया गया है.
ये लोग 16 लोगों के उस दल का हिस्सा जिनके खिलाफ कोरोना संक्रमण को लेकर शासन के नियमों का पालन नहीं करने और अपने आने की सही जानकारी न देने की वजह से FIR भी दर्ज की गई है. सभी लोग एक ये FIR कटघोरा के खण्ड चिकित्सा अधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई जिसकी कॉपी ज़ी मीडिया के पास मौजूद है. जांच के मुताबिक सभी लोग 14 मार्च को कटघोरा आए थे लेकिन पुलिस को उन्होंने अपने 2 मार्च को ही वहां आ जाने की बात बताई. कहा जा रहा है कि उन्होंने कोरोना को लेकर डॉक्टरों के निर्देशों का भी पालन भी नहीं किया और इस तरह अपनों और दूसरों के लिए खतरा बने रहे.
कोरबा में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ाने के लिए जिन 16 लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें 16 साल का एक नाबालिग कोरोना पॉजिटिव युवक भी है. उसका AIIMS रायपुर में इलाज चल रहा है. उस पर स्वास्थ्य कर्मियों से सहयोग न करने और उनके काम में बाधा डालने का भी आरोप लग चुका है और अपनी हरकतों से दूसरो की जान खतरे में डालने का आरोप है. बताया जा रहा है कि वो कोरोना को लेकर दिल्ली में हुए चर्चित धार्मिक कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था.
पुलिस के मुताबिक ये बातें पता नहीं चल पातीं लेकिन कटघोरा की एक मस्जिद में रुके दो ग्रुप के अलग-अलग बयानों से भेद खुल गया. दोनों ग्रुप दिल्ली से आए थे. 13 लोगों का एक ग्रुप निजामुद्दीन के धार्मिक कार्यक्रम से 29 फरवरी को कटघोरा आया था जबकि 16 लोगों का दूसरा ग्रुप 14 मार्च को लौटा. इस ग्रुप ने पहले 2 मार्च को वहां आने की झूठी जानकारी दी थी लेकिन दूसरे ग्रुप को ये पता नहीं था जिससे पूछताछ में उनका भेद खुल गया.