रायपुर: सरगुजा दौरे पर रवानगी से पहले पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आलाकमान के निर्देश पर वो मुख्यमंत्री बने हैं और आलाकमान कहे तो वो तुरंत इस्तीफा देकर पद को छोड़ देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आलाकमान कहे तो मैं आपसे बात करते-करते इस्तीफा दे दूंगा और वापस चला जाऊंगा। आलाकमान ने ही मुझे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी है और उस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा हूं। मगर, इस मामले में कोई गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहा है, चाहे वो कोई भी हो, तो वो प्रदेश का हित नहीं कर रहा है। उससे प्रदेश का विकास नहीं देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि जनादेश पांच साल के लिए मिला है। मुझे इस पद का कोई मोह नहीं है, मैं बोल रहा हूं कि अभी आपसे बात करते-करते भी आलाकमान का फोन आ जाये, तो मैं यहां से वापस चला जाऊंगा। मगर, इस मामले को तूल देने की क्या जरूरत है, इस बात का क्यों बतंगड़ बनाया जा रहा है।
दरअसल, कुछ दिनों पहले मंत्री टीएस सिंहदेव ने बिलासपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा था कि आलाकमान जिसे चाहे उसे मुख्यमंत्री बना सकता है। सिंहदेव का यह बयान उस समय आया था, जब उनसे पूछा गया था कि क्या ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का फार्मूला अब भी कायम है। छत्तीसगढञ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने पर राजनीतिक गलियारों में ढाई साल के फार्मूले पर चर्चा चल रही है।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री के फार्मूले को लेकर कांग्रेस आलाकमान को स्पष्ट करना चाहिए। आखिर ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री फार्मूला है या नहीं, यह जनता को बताना चाहिए। कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के कारण प्रदेश में विकास ठप है।