लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलमान बट पर 2010 में इंग्लैंड दौरे के दौरान हुई स्पॉट फिक्सिंग के लिए प्रतिबंध लगा था। अब सलमान बट ने कहा है कि जिन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए और उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। पाकिस्तान टीम के पूर्व खिलाड़ियों के बीच आपस में ही एक जंग छिड़ी हुई है। कोई किसी के संन्यास लेने की बात करता है तो कोई स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग के बारे में बात कर रहा है। इसी बीच स्पॉट फिक्सिंग में फंसे सलमान बट भी इस लड़ाई में कूद पड़े हैं।
सलमान बट ने कहा है, "जो कानून मौजूद है, उसके अनुसार खिलाड़ियों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। सजा मिलने और इसके समाप्त होने के बाद आपको किसी अन्य खिलाड़ी की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। मैं इस मुद्दे पर नहीं आने की कोशिश करता हूं, लेकिन मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो इस पूरे प्रकरण के बारे में बात कर रहे हैं।"
बट ने आगे कहा है कि जब इनकी अखंडता कहां जाती है तब ये उन्हीं लोगों के साथ काम करते हैं? उनकी ईमानदारी कहां जाती है जब वे उन खिलाड़ियों का समर्थन करते हैं जो उनके कनेक्शन के कारण टीम में चुने जाते हैं और योग्य खिलाड़ियों की जगह टीम में स्थान पाते हैं? पाकिस्तान क्रिकेट की अखंडता तब कहां जाती है जब टीम में अक्षम खिलाड़ी जगह पाते हैं?
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले पर राय देने वाले पूर्व खिलाड़ियों से अलग रहना चाहिए और आइसीसी और पीसीबी को फैसला करने देना चाहिए। सलमान बट ने कहा है कि मेरा मानना है किसी को भी पाकिस्तान में ईमानदारी की बात नहीं कर चाहिए। बट ने कहा है कि कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने कनेक्शन्स की वजह से टीम में 15वें खिलाड़ी के रूप में चुने गए हैं। कई ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो बिना अच्छा प्रदर्शन किए टीम में वापस आ गए हैं। मैं उनका नाम नहीं लुंगा, लेकिन जो है सो है। इसलिए खिलाड़ियों को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है। इसका फैसला पीसीबी और आइसीसी को करना है।