प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है, मगर राहत यह भी है कि मरीज जल्द ठीक भी हो रहे हैं। इस बीच सबसे ज्यादा चिंता बढ़ रही है राजधानी रायपुर। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 492 पहुंच गया है, जिनमें 246 एक्टिव मरीज हैं। इनका इलाज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर और डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में किया जा र है। अभी भाना हॉस्पिटल, लालपुर अस्पताल और ईएसआईसी हॉस्पिटल का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है।
अनुमान के मुताबिक 2000 मरीज भी आते हैं तो रायपुर में उन्हें भर्ती करने और उनके इलाज की पूरी व्यवस्था है। ऐसे में इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थाई कोविड-19 अस्पताल की जरुरत नहीं पड़ेगी। 'पत्रिका' पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश में मई में कोरोना मरीजों की संख्या करीब 100 मरीज प्रतिदिन बढ़ रही थी। कुछ दिन तक जब ये आंकड़े आए तो स्वास्थ्य विभाग के साथ शासन प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए इंडोर स्टेडियम का चयन अस्थाई अस्पताल बनाने के लिया।
कलेक्टर रायपुर को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 हॉस्पिटल की गाइडलाइन दी। जिनके निर्देश पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अनुबंधित ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया।अब हर जिले में भर्ती करने की सुविधा प्रदेश के हर जिले में कोरोना मरीजों को भर्ती करने की सुविधा विकसित की कर ली गई है। पहले कोरबा तक के मरीजों को रायपुर रेफर किया जा रहा था, मगर अब ऐसा नहीं है। रीजनल लेवल (क्षेत्रीय स्तर) पर अकेले रायपुर के एम्स में 500, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में 500, माना कोविड-19 हॉस्पिटल में 110 मरीजों को भर्ती किया जा सकता है।