रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना के फैलते संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने अब सभी जिलों में टू-नेट मशीन स्थापित करने का फैसला लिया है। अभी तक रायपुर और कुछ दिनों पहले ही बिलासपुर और अंबिकापुर में टू-नेट मशीन से कोरोना जांच शुरू हुई है। इन मशीनों से अब तक 8,314 सैंपल की जांच हुई, मगर जब सभी जिलों में मशीनें लग जाएगी और टेस्टिंग शुरू हो जाएगी तो प्रदेश में रोजाना ढाई से तीन हजार ज्यादा टेस्ट होने लगेंगे।
सैंपल की पेंडेंसी खत्म हो जाएगी, साथ ही छोटे जिलों के सैंपल की जांच उन्हीं के जिलों में संभव हो पाएगी। राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से मशीनों की खरीदी की जा रही है।फिलहाल इनके इन्सटॉलेशन का काम किया जा रहा है। इस मशीन को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के बराबर दर्जा दिया है।
उधर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने आवास में स्वास्थ्य विभाग के सभी आला अफसरों की बैठक ली। सूत्रों के मुताबिक वे दूसरों पर इस बात को लेकर नाराज हुए कि दो महीने बाद भी बिलासपुर, राजनांदगांव और अंबिकापुर में अभी तक आईटी पीसीआर टेस्ट शुरू नहीं हो पाया है।
यहां भी मशीनें
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज-4, सिम्स बिलासपुर में 4, दुर्ग 2 राजनांदगांव 2, जांजगीर, कोरबा, कोरिया, महासमुंद, बलौदाबाजार और धमतरी जिले में 1-1 मशीन ।
टू-नेट की चार खास बातें
* टू नेट कम खर्च में इंस्टॉल हो सकती है। बड़े सेटअप की जरूरत नहीं। आरटी-पीसीआर मशीन के लिए बड़े सेटअप की जरूरत ।
* टू-नेट मशीन में एक साथ 8-10 सैंपल जांचे जा सकते हैं और नतीजे 40-45 मिनट में आ जाते हैं। जबकि आरटी-पीसीआर मशीन में एक साथ 90 का टेस्ट 6 घंटे में पूरा होता है।
* आरट-पीसीआर टेस्ट में एक टेस्ट का खर्च 4500 रुपए आता है, जबकि टू-नेट से 1000 से 1500 रुपए के बीच।