नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने तीन माह तक की अवधि वाली अपनी एमसीएलआर (MCLR)में 5 से 10 आधार अकों की कटौती की घोषणा की है। घटी हुई दरें 10 जुलाई 2020 से लागू हो जाएंगी। एसबीआई ने कहा कि यह कदम लोगों के नकदी संकट को कम करने और मांग को पुनर्जीवित करने के लिए उठाया गया है।
एसबीआई ने इस तरह लगातार 14 वीं बार अपनी सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में कटौती की है। इस कटौती से एसबीआई की तीन महीने तक की अवधि के लिए एमसीएलआर घटकर 6.65 फीसद पर आ गई है। इससे पहले पिछले महीने एसबीआई ने अपनी एमसीएलआर में कटौती की थी। एसबीआई ने सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर में 0.25 फीसद की कटौती की थी। यह कटौती 10 जून 2020 से लागू हुई थी।
इससे पहले मंगलवार को निजी सेक्टर के बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने सभी अवधियों के लिए अपनी एमसीएलआर दरों में तत्काल प्रभाव के साथ कटौती की थी। बैंक ने सभी अवधि की MCLR में 0.20 फीसद की कटौती की है। ब्याज दर में की गई इस कटौती के बाद बैंक की MCLR अब 7.10 फीसद से 7.65 फीसद के बीच आ गई है। बैंक की एक दिन की MCLR 7.10 फीसद, एक माह की MCLR 7.15 फीसद, एक साल की MCLR 7.45 फीसद और तीन साल की एमसीएलआर 7.65 फीसद हो गई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक (Canara Bank) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) ने भी सोमवार को MCLR में क्रमशः 0.10 फीसद और 0.20 फीसद की कटौती का एलान किया था। ब्याज दरों में यह कटौती सात जुलाई से प्रभावी हो गई है। केनरा बैंक ने एक साल के MCLR को 7.65 फीसद से घटाकर 7.55 फीसद कर दिया है। गौरतलब है कि आरबीआई (RBI) द्वारा बैंकों को लिक्विडिटी उपलब्ध कराने के लिए पिछले दो मौकों पर रेपो रेट में कटौती की गई थी।